श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र
महावीर हनुमान् महाकाल शिव के 11 वे रुद्रावतार हैं, जिनकी विधिवत् उपासना करने से सभी बाधाओं का नाश होता हैा ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए नित्य वडवानल स्तोत्र का 108 बार पाठ करना चाहिये। इसके पाठ से भूत बाधा, प्रेत बाधा, ब्रह्मराक्षस , ऊपरी बाधा का निवारण होता हैा सर्व कष्टों एवं रोगों का निवारण भी इसी पाठ से हो जाता हैा
ऐसा कोई भी कार्य नही है जो हनुमान जी अपने भक्तो के लिए ना कर सकें, बस आवश्यकता है सच्चे मन से उन्हें याद करने की ।
हनुमान जी के कुछ विशिष्ट मंत्र हैं जिनका जप यदि इस स्तोत्र के साथ किया जाये तो सभी कामनाओं की पूर्ति सम्भव हैा
Shri Hanuman Vadvanal Stotra
लंकाधीश रावणाचा भाऊ बिभीषणाने रचलेले हे संस्कृत स्तोत्र अत्यंत प्रभावी व लाभदायक आहे, याच्या नित्य पठणाने सर्व संकटे दूर होऊन आपले मनोरथ पूर्ण होतात.